48 की क्षमता वाले होस्टल में रह रहे 72 छात्र:नए प्रवेश लेने वाले 170 छात्रों ने किया था होस्टल के लिए आवेदन
- फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों के होस्टल खाली नहीं करने के कारण बनी स्थिति
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में इस वर्ष एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों को होस्टल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अन्य शहरों में रहने वाले 170 छात्र हैं, जिन्होंने हाल ही में इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया आैर होस्टल के आवेदन किया लेकिन फर्स्ट ईयर की पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों द्वारा होस्टल खाली नहीं करने के कारण अब 48 सीटर क्षमता वाले कॉलेज के होस्टल में 72 छात्र रहने को मजबूर हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेज में पुराना छात्रावास भवन जर्जर घोषित किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में कॉलेज के पास अब केवल एक ही बालक छात्रावास है, जिसकी क्षमता 48 सीटर है। कॉलेज प्रशासन की ओर से फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों को 31 जुलाई तक होस्टल खाली करने के निर्देश दिए गए थे, ताकि नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को होस्टल की सुविधा मिल सके, लेकिन 22 छात्रों ने होस्टल खाली नहीं किया।
इसके बाद 1 अगस्त को कॉलेज प्रशासन ने पुलिस बुलाकर छात्रों का सामान होस्टल के कमरों से बाहर निकलवाया आैर रूम पर ताले लगा दिए थे, जिसके बाद छात्रों ने जमकर हंगामा किया था और भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।
कलेक्टर बंगले के सामने भी 2 अगस्त की देर रात छात्रों ने घेराव कर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने छात्रों को आश्वस्त किया था कि भोपाल से इस संबंध में आदेश आने तक छात्र होस्टल में रह सकेंगे।
इधर भोपाल से इस संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं। वहीं मौजूदा शिक्षा सत्र में नए प्रवेश लेने वाले छात्रों में से 170 विद्यार्थियों ने होस्टल के आवेदन कर दिया। इनमें से केवल 50 विद्यार्थियों को ही होस्टल की सुविधा प्रदान की गई है। एक कमरे में तीन छात्रों को रहना पड़ रहा है। आवेदन करने वाले बाकी छात्र अन्यत्र जगह किराये का कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं। होस्टल वार्डन डॉ. एलएस टिटारे का कहना है कि 48 सीटर क्षमता वाले होस्टल में फिलहाल 72 छात्र रह रहे हैं।
